-->

AMAZONE SALE

जिम्मेदारी का सफर : नींद न आए इसलिए भरपेट खाना नहीं खाते आक्सीजन टैंकर चालक indore news today in hindi

जिम्मेदारी का सफर : नींद न आए इसलिए भरपेट खाना नहीं खाते आक्सीजन टैंकर चालक indore news today in hindi

 जिम्मेदारी का सफर : नींद न आए इसलिए भरपेट खाना नहीं खाते आक्सीजन टैंकर चालक indore news today in hindi

जिम्मेदारी का सफर : नींद न आए इसलिए भरपेट खाना नहीं खाते आक्सीजन टैंकर चालक indore news today in hindi




indoriupdate कहते है अगर डट कर काम करना है, तो भर पेट भोजन जरूरी है। इसी से आप स्वस्थ रहेंगे। लेकिन संभाग के हजारों कोरोनो मरीजों के लिए प्राणवायु लाने में जुटे टैंकर चालकों ने अब रास्ते में भर पेट भोजन करना बंद कर दिया है। जामनगर से इंदौर के बीच के करीब 700 किलोमीटर के सफर में लगने वाले 20 घंटे से अधिक समय यह ड्रायवर आधा पेट भोजन कर पूरा कर रहे हैं। ताकि मरीजों को समय पर आक्सीजन मिल सके।

आदित्य मिश्रा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के पास एक गांव के रहने वाले हैं। सालों से मध्य प्रदेश की कंपनी में नौकरी कर रहे हैं। प्रदेश में आक्सीजन लाने में लगे भारतीय वायुसेना के सी-17 विमान में अब तक कई बार जामनगर जा चुके हैं। आदित्य बताते है वहां पहुंचने के बाद तेजी से काम करना होता है। एयरपोर्ट से बाहर निकल तत्काल रिफायनरी में जाकर लाइन में लगना होता है। वहां पर कंडक्टर को आने की अनुमति नहीं है, तो खुद ही यह काम करते हैं। गाड़ी भरते ही सबसे पहले इंदौर के लिए निकलते हैं। खाना खाकर नींद आने की आशंका होती है। इसलिए किसी ढाबे पर केवल चाय या हल्का फुल्का नाश्ता कर गाडी़ चलाते हैं। यहां पर जब प्लांट पर आते हैं तो कंपनी वाले पहले से खाना बुलवा कर रखते हैं। यहीं पर कुछ घंटे की नींद मिल जाती है। फिर अधिकारी के आदेश पर विमान से या सडक मार्ग से जाम नगर के लिए निकल जाते हैं।

आदित्य की तरह ही राजीव कुमार राव भी आक्सीजन का टैंकर चलाते हैं। कोरोना की दूसरी लहर के आने के बाद जब अचानक से आक्सीजन की कमी हुई तो वे आक्सीजन की सप्लाई में जुट गए। गुजरात से आक्सीजन का टैंकर लेकर इंदौर और भोपाल में खाली कर रहे हैं। राजीव ने बताया कि 30 टन भरी गाडी को चलाने में विशेष सावधानी बरतनी होती है। इस कैप्सूल की कीमत ही 1 करोड़ तक होती है। उतार चढाव या लंबा मोड़ आने पर गाड़ी झोल मारती है। इसलिए विशेष ध्यान रखना होता हैं। इसका वाल्व भी 1 लाख रुपये तक का होता है। उसे खोलने में सबसे अधिक सावधानी रखनी होती है। गाड़ी की अधिकतम गति की 40 से 50 किलोमीटर सेट होती है। लेकिन इससे ज्यादा पर इसे ले जाने पर कभी सोचा ही नहीं है। अहमदाबाद से इंदौर की दूरी को तय करने में 13 घंटे तक का समय लग जाता है। जबकि अभी लाकडाउन के कारण सड़कें खाली हैं।

साले की शादी में जाना था नहीं गए indore news today in hindi

राव ने बताया कि उनके साथी ड्रायवर विनय कुमार है, वे भी उत्तर प्रदेश के हैं। हम दोनों लगातार साथ में काम रहे हैं। साले की शादी थी, तो घर जाना था। लेकिन अचानक दूसरी लहर आ गई, तो उसमें लग गए हैं। खुशी है कि लोगों की मदद कर पा रहे हैं। हर रोज ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं कि जल्दी यह महामारी खत्म हो। इसके बाद घर जाकर बच्चों से मिलेंगे। अभी वीडियो काल कर घर वालों से बात करते हैं।

तीन घंटे तक का समय लगता है भरने में

आदित्य ने बताया कि विमान से वहां पर एक घंटे में पहुंच जाते हैं। इसके बाद एंट्री करना, लाइन में लगना होता है। टैंकर भरते ही वहां से निकल पडते हैं। जामनगर में आक्सीजन भरने के लिए दो व्यवस्था है। एक प्रेशर वाली मशीन है, जिससे 3 से साढे तीन घंटे लग जाते हैं। जबकि दूसरा आक्सीजन पंप है, जिससे 45 मिनट में 30 टन माल गाड़ी में भर जाता है।

0 Response to "जिम्मेदारी का सफर : नींद न आए इसलिए भरपेट खाना नहीं खाते आक्सीजन टैंकर चालक indore news today in hindi"

एक टिप्पणी भेजें

लोकप्रिय पोस्ट